.

.
** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Tuesday, January 15, 2013

जीवन गीत









जीवन गीत
मिलन विरह का
सुर सजाऊं 



जीवन रेल
सुख दुःख पटरी
ठेलमठेल 





बनाते रहे


फलसफे जीने के
जिन्दगी भर 




यादों  के साये
अमराई घनेरी
पीड़  मुस्काए 

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...