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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Saturday, March 28, 2015

नारी - तुम हो सृजनहार


प्रिय सखी Chanchala Inchulkar Soni ji ki lajwab painting ko dekh kuchh vichar jo panpe smile emoticon 
नारी हो तुम 
हो सृजनहार
केवल सृजनहार
बीती सदियाँ कितनी
बदले युग
परिवर्तन है नियम सृष्टि का
विकासक्रम में
हाँ
बदल रही हो तुम भी
रूप , वेश ,विचार , दिशा ,दशा
पर
अंततः
तुम हो "माँ"
सृजनहार,
करुणामयी
ममता ,प्रेम,उर्जा का स्त्रोत
सृष्टि की डोर
चाह कर भी नही बदल सकती तुम
बीते चाहे सदियाँ
बीते कितने युग


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