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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Tuesday, March 8, 2016

फल्गु



फल्गु
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हाँ
जाने क्यों
हटाने लगा था रेत
और एक दिन
फूट ही पड़ी
वो रूखी  खडूस औरत
बहने लगी फिर से
फल्गु नदी
जिन्दा हो कर । 

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